नई संसद में लगने वाले “सेंगोल” की 5 फीट लंबाई…शीर्ष पर ‘नंदी’ विराजमान

0
382

देश की राजधानी में रविवार को नई संसद का उद्घाटन किया जाएगा। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस सेंगोल यानी राजदंड को स्थापित करेंगे, जो 15 अगस्त 1947 आजादी की रात पंडित जवाहर लाल नेहरू को सौंपा गया था। ये वही सेंगोल है, जो हिंदू परंपरा में सत्ता हस्तांतरण की पहचान रहा है और तमिल संस्कृति की शान रहा है। अब नई संसद में इसे उसी परंपरा, उसी रीति-रिवाज, उसी धार्मिक अनुष्ठान के साथ इसे नरेंद्र मोदी को थमाया जाएगा, जिस अनुष्ठान के साथ 14 अगस्त 1947 की रात को अंग्रेजी हुकूमत के आखिरी वायसराय माउंट बेटन ने नेहरू को को थमाया था। सेंगोल को हिंदी में राजदंड कहा जाता है और इसका इस्तेमाल चोल साम्राज्य से होता आ रहा है। इस साम्राज्य का जब कोई राजा अपने उत्तराधिकारी की घोषणा करता था…तो उसे सत्ता हस्तांतरण के रूप में सेंगोल देता था। सेंगोल देने की परंपरा चोल साम्राज्य से ही चली आ रही है। आखिरी बार 1947 में लॉर्ड माउंट बेटन ने जवाहरलाल नेहरू को सेंगोल सौंपा था ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here